योगी बाबा की व्यावहारिक राजनीति ~ मेवालाल
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यूपी के मुख्यमंत्री बनने के पूर्व यूपी में आते दिन दंगा होता रहता था। त्योहारों पर दंगे होते थे। मुजफ्फरपुर, मुरादाबाद, सहारनपुर, बरेली, फैजाबाद, लखनऊ आदि दंगों का दंश काफी झेल चुके थे। सांप्रदायिक दंगे होते थे। कर्फ्यू बार बार लगता था। ये समस्या कानून व्यवस्था से नहीं हल हो सकता था। जागरूकता और संवाद से हल नहीं हो सकता था। क्योंकि हमारे अंदर धार्मिक संस्कृति विविधता की दमित भावना है उसकी अभिव्यक्ति विकृत रूप में ही होगी। इसका व्यावहारिक हल यही है कि लात के आदमी बात से नहीं मानते हैं। यह बात कहना सही नहीं होगा कि गेरुवा वस्त्र पहने बाबा को पूजा पाठ करना ही आता है। उनको राजनीति की सैद्धांतिक और व्यावहारिक समझ भी है। परिवारविहीन रिश्तेदार विहीन एक सन्यासी आदमी जब सरकार बनाएगा तभी लोकतंत्र सफल होगा। समाज में सुरक्षा रहेगा। निस्वार्थ भाव से देश की सेवा होगा। पहली आपत्ति यह है कि बाबा संविधान के धर्मनिरपेक्षता का अनुसरण नहीं करते है। वे धर्म विशेष को बढ़ावा देते हैं। इसको समझने के लिए भारतीय परंपरा को समझना होगा। इतिहास में देखा जाए तो पता चलता है कि धर...