एक भिन्न भित्तचित्र ~ मेवालाल


 यह तस्वीर बीएचयू के सरदार पटेल छात्रावास में लगी है। जिसमे स्पष्ट दिखता है कि भारत कई भागों में बिखरा पड़ा है। जिसको गांधी जी सिल रहे है। इसका टीचिंग बहुत ही गुमराह करने वाला है। क्योंकि गांधी जी का योगदान भारतीय जनता की एकता में देखा जा सकता है पर भारत की अखंडता में नहीं देखा जा सकता। जिस प्रकार भारत के एकीकरण में सरदार पटेल का योगदान है वैसा गांधी जी का नहीं है। सरदार पटेल की विरासत को अंबेडकर ने संजोता और उसको मजबूत रूप दिया। देश के लिए एक संविधान, राज्यों में 45% अन्य राज्यों से लोकसेवको की उपस्थिति, तीनों सेनाओं की अलग से व्यवस्था वे कभी एक साथ बिना राष्ट्रपति की उपस्थिति में नहीं मिल सकते , समीवर्ती सूची पर केंद्र का अधिकार आदि देश की लोकतंत्र की विशेषता आज भारत को अखंड बनाए हुए है। यह अंबेडकर की देन है। दूसरी ओर अगर हम पाकिस्तान में देखे , नेपाल में देखे, म्यांमार में देखे तो उन्होंने अत्यधिक राजनीतिक अस्थिरता को देखा । वहां ऐसा इसलिए हुआ कि उनके पास अंबेडकर नहीं थे। पर भारत में ऐसा नहीं हुआ। क्योंकि भारत में अंबेडकर थे। लेकिन अफसोस की बात है। आज सरदार पटेल को याद किया जाता है पर राष्ट्र एकता और अखंडता के लिए अंबेडकर को याद नहीं किया जाता है। आधुनिक युग में जिस प्रकार आज  जितना शक्तिशाली चीन है वह माओ की देन है उसी प्रकार आज जितना शक्तिशाली भारत है वह अंबेडकर की देन है।

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