कलयुग में दुनिया के रूप ~ अमित कुमार
एक बार की बात है नारद मुनि पृथ्वी लोक में विचरण कर रहे थे कि तभी उन्होंने अपने व्हाट्सएप में पढ़ा कि एक पुजारी शिक्षा मंदिर में पूजा कर रहा था कि तभी एक सांप आया !!और पुजारी पीछे हटा और वह सांप फिर बंदर बन गया और पुजारी बेहोश होगया फिर होश में आया तो उसने देवी का रूप लेकर कहा कि अब कलयुग में बहुत पाप बढ़ गया है और अति शीघ्र ही इन पापियो का अंत करूँगी!! और जो इस संदेश को 10 लोगों के पास भेजेगा उसे घर में उपहार मिलेगा और जो नहीं भेजेगा उसका नाश हो जाएगा ;; नारद जी ने इतना ही पढ़ा था और बह नारायण नारायण कहते हुए बेहोश होकर धरती में आ गिरे और जब उन्हें चेतना आई तो अपनी चिंता के लिए प्रासंगिक विचार करना शुरू किया और मिट्टी से सांप बना कर कैलाश परबत की ओर फेक दिया !! ये संकेत पाकर शिवजी का प्रिये तक्षत नाग अति वेग से फुफकारता हुआ उनकी ओर उपस्थिति हुआ।🐍🐍🐍 और उसने मुनि से कहा हे मुनिवर किस कारण मुझे यहां उपस्थित होने का आदेश दिया गया है हे मुनिवर क्या आपको यहां कोई असुर परेशानी दे रहा है?? कहा हे हलाहल विशधारी ये आप विष्णु पुराण और शिव पुराण को असत्य क्यों सिद्...