आत्मविवेचन कविता ~ संदीप पटेल

 आत्मविवेचन:-


क्यों हैं परेशान साहब?

ईश्वर जो कुछ करता है,

अच्छा ही करता है।

आप कोरोना पॉजिटिव हैं तो अच्छा है,

नहीं हैं तो भी अच्छा है।

जो भी है सब अच्छा है और अच्छा ही होगा।

उसकी मर्जी के बिना पत्ता तक नहीं हिलता,

जो कुछ हो रहा है सब वही तो कर रहा है।

फिर ये ऐतिहातिक ढोंग?

बैक्सीन,मास्क,सेनेटाइजर,भौतिक दूरी।

आखिर हम होते कौन हैं?

उसकी मर्जी में टांग अड़ाने वाले।

होगा वही,जो लिखा होगा।

फिर उसे मिटाने की कोशिश?


कहीं इस बखान से हुजूर!

आप क्रोधाग्नि में झुलस तो नहीं गये?


खैर छोड़िये,मैं तो आस्तिक हूँ,

मेरा इन सब बातों से कोई ताल्लुक नहीं।

ये विचार तो नास्तिकों के हैं।


~संदीप पटेल

परास्नातक,प्रथम वर्ष,बीएचयू,वाराणसी

पता-पश्चिमपुर (अहरक),जमालपुर,वाराणसी।

मो. 7524843975

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