नसीहत कविता ~ संदीप पटेल

 नसीहत:-


तर्ज:-कुसुम रंग सड़िया राजा जी।


भाव:-

जा ताड़अ छोड़के बखरिया,

जाके करिहा गउवां शहरिया,

बुद्ध कअ जिकीरिया राजा जी।

संविधान कअ फिकीरिया राजा जी।।

त्रिशरण पंचशील कअ बतिया बताई,

अष्टांगिक मार्ग देई दुःखवा मेटाई,

धम्म क धरिहा डगरिया,

संघ से ही बची जमिरिया,

बुद्ध कअ जिकीरिया राजा जी।

संविधान कअ फिकीरिया राजा जी।।

पढ़ लिख शिक्षित भइलअ बदला समाज हो,

शोषण से मुक्त करा देशवा के आज हो,

संदीप करे हथजोरिया,

खोलके रखिहा आपन नजरिया,

बुद्ध कअ जिकीरिया राजा जी।

संविधान कअ फिकीरिया राजा जी।।

बुद्ध कअ जिकीरिया राजा जी।

संविधान कअ फिकीरिया राजा जी।।


संदीप पटेल शोधार्थी  हिंदी विभाग बीएचयू 

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