स्त्री कविता ~ डॉ. प्रभाकर सिंह
स्त्री भाव पढ़ने में कुशल है
यह कह पुरुष रोपता रहा
उस पर अपना भाव
स्त्री ने जब अपना भाव
रोपना शुरू किया तब
भाव के बाजार में
पता चला पुरुष
कितना भावहीन है
~ डॉ. प्रभाकर सिंह, प्रोफेसर हिन्दी विभाग बीएचयू
स्त्री भाव पढ़ने में कुशल है
यह कह पुरुष रोपता रहा
उस पर अपना भाव
स्त्री ने जब अपना भाव
रोपना शुरू किया तब
भाव के बाजार में
पता चला पुरुष
कितना भावहीन है
~ डॉ. प्रभाकर सिंह, प्रोफेसर हिन्दी विभाग बीएचयू
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