हिन्दू संहिता विधेयक पर 14 दिसंबर, 1950 से खंडवार चर्चा प्रारंभ हुई थी। काफी लंबी चर्चा के बाद कुछ खंडों का स्पष्टीकरण हुआ। कुछ सदस्यों के असहमति को प्रकट करते और हिन्दू संहिता विधेयक का सकारात्मक असर न देख बाबा साहेब ने 27 अक्टूबर, 1951 को इस्तीफा दे दिया था। इसी चर्चा के सिलसिले में महामना मदनमोहन मालवीय और बाबा साहेब आंबेडकर के बीच हुई संवाद को प्रस्तुत किया गया है। हिन्दू संहिता विधेयक में 6 खंड थे। हिन्दू धार्मिक कानून के तहत नहीं बल्कि एक समान संवैधानिक कानून से शासित होंगे। यह उस समय का सुधारवाद और भारत को आधुनिक बनाने की प्रक्रिया थी। भाग एक में यह बताया गया कि किसे हिंदू माना जाएगा और जाति व्यवस्था को खत्म कर दिया गया। गौरतलब है कि यह निर्धारित करता है कि हिंदू संहिता किसी भी व्यक्ति पर लागू होगी जो मुस्लिम, पारसी , ईसाई या यहूदी नहीं है, और जोर देकर कहा कि सभी हिंदुओं पर एक समान कानून के तहत शासन किया जाएगा। बिल का भाग दो विवाह से संबंधित था; भाग तीन दत्तक ग्रहण; भाग चार, संरक्षकता ; भाग पांच संयुक्त परिवार की संपत्ति पर नीति, [ ...
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