विकसित भारत पर गुरुदेव श्री श्री रविशंकर और विक्रांत मेसी का संवाद (रिपोर्टिंग) ~ मेवालाल
श्री श्री रविशंकर अध्यात्म में विशेषज्ञता रखते है। सामाजिक, धार्मिक सांस्कृतिक क्षेत्र से जुड़े हुए हैं। उनका एक संगठन है आर्ट ऑफ लिविंग। विक्रांत मेसी जाने माने टीवी कलाकार और अभिनेता है। इन्होंने विकसित भारत पर बात किया । ये दोनो किसी बड़े सरकारी पद पर आसीन नही है । न ही बड़े अर्थशास्त्री है। सीधे सत्ता से जुड़े हुए नहीं दिखते है। पर सत्ता का जितना फैलाव है उसमे इनकी अच्छी जगह है।
कार्यक्रम शुरू होने से पहले तीन चार धार्मिक गीत गाए जाए और जनता को मस्त मगन कर दिया गया। कार्यक्रम देर से शुरू हुआ।
१. विक्रांत मेसी : जो युवा है वह जानना चाहते हैं कि विकसित भारत क्या है ? नियति क्या है ? उद्देश्य क्या है? इसको कैसे प्राप्त किया जा सकता है?
श्री रविशंकर : जोश है तो होश है । विकसित भारत बन रहा है। जो हो रहा है दिख रहा है। वाराणसी की प्रगति कल्पनातीत है। आंखे बंद करके देखा जा सकता है। काशी आध्यात्मिक धरोहर है। काशी भारत वर्ष के समंदर के एक बूंद का अध्यात्म है।
2. विक्रांत मेसी : हमारे युवा प्रतिस्पर्धी है पर निराशा को झेल नहीं पा रहे है। आधुनिक समाज में सफलता का क्या मंत्र है ?
श्री रविशंकर : सफलता को तीन बिंदु से समझा जा सकता है पहला कॉन्टेक्स्ट ऑफ लाइफ दूसरा प्रतिबद्धता (कमिटमेंट) तीसरा आवेग (पैशन) । इन तीनों के सहारे किसी भी चुनौती का सामना किया जा सकता है। जीवन को इसके माध्यम से देखा जा सकता है। इसी बात को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने कहा मैं १८० देशों में गया हूं कहीं भी कहीं का पीएम जनता की बात नही करता है। वहां के नेता अब तक जनता के मन तक नहीं पहुंचे है। भारत एक ऐसा देश जहां जनता की बात हो रही है। यहां पर सवाल यह उठता है। मन की बात के कार्यक्रम में पीएम के मन की बात होती है या जनता के मन की बात होती है ? उन्होंने पीएम के मन की बात को जनता की बात समझ लिया । पर वे शायद भूल जाते है कि पीएम ने यह सब लोकतंत्र से जवाबदेही को खत्म करके की है। यह बात एक तरफा है।
विक्रांत मेसी : आर्ट ऑफ लिविंग विकसित भारत में कैसे योगदान करेगा ?
श्री रविशंकर: सबसे पहले व्यक्ति का विकास जरूरी है। और व्यक्ति के विकास के लिए आध्यात्मिकता जरूरी है। यह लोगो में ऊर्जा भरता है। यही से समाज का विकास होता है।
व्यक्ति का विकास शिक्षा की गुणवत्ता से होता है। और शिक्षा तक उन्ही परिवार के बच्चे आ पाएगा जिनकी प्राथमिक आवश्यकता पूरी हो चुकी होगी। फीस लगातार बढ़ रही है। परिवार के बच्चे बाल श्रम में लगे है। आध्यात्मिकता से वही विकास कर सकते है जिनकी जीविका सुनिश्चित है।
विक्रांत : गुरुदेव नॉर्थ फिल्म इंडस्ट्री है साउथ फिल्म इंडस्ट्री है दोनो में लोग प्रवास करते है पर वह प्रवास अब कम हो गया है आपको क्या लगता है ?
श्री रविशंकर: काफी प्रवास कम नहीं हुआ। साउथ में दूल्हा जब बारात लेकर जाता है तो कहते है कि वह काशी की यात्रा पर जा रहा है। लोग रामेश्वरम से जल लेकर जाते है काशी चढ़ाते हैं। काशी से जल लेकर आते है रामेश्वरम में चढ़ाते है। बद्रीनाथ का पुजारी केरल से होता है। रामेश्रम का पुजारी महाराष्ट्र से होता है। कर्नाटक से नेपाल के पशुपतिनाथ मंदिर में पुजारी है। श्री रविशंकर ने इसको राष्ट्रीय अखंडता के रूप में देखा। उन्होंने ने बीएचयू को राष्ट्रीय अखंडता का स्थान कहा।
इसी बीच हृदेश जैन का प्रवेश होता है। उन्होंने कहा युवाओं को कि उन्हें विकसित भारत का रोल अपनाना चाहिए। विकसित भारत काशी को प्रमोट करेगा। पर्यटन को बढ़ावा देगा। स्वच्छता में युवा लीड करे। अपने अंदर सकारात्मकता लाए। उनकी बाते अस्पष्ट ही रही उन्होंने यह नहीं बताया कि युवा को रोल मॉडल बनने की क्या प्रक्रिया होगी।
विक्रांत मेसी : राम मंदिर पर निर्णय लेने में 500 साल का समय क्यों लगा ?
श्री रविशंकर: कई चीजे है। कई चीजों को होने में समय लगता है। जैसे खाता खोलने में काफी समय लगता था कई सवाल पूछे जाते थे। उद्यमी को काफी दिक्कत होती थी पहले । पहले लोग मालदीव जाते थे अब लक्षद्वीप हो गया है हमे मालद्वीव जाने को क्या जरूरत है। कई कानूनों को खत्म किया गया है।
आप सवाल देखिए और गोल मटोल जवाब देखिए।
*श्री रविशंकर ने कहा आपका (श्रोता से) कोई सवाल हो तो विक्रांत से पूछिए वो जवाब दे देगा। नहीं तो मैं दे दूंगा । लोगो ने जोश भरा । पर ये बात दब गया। श्रोता के पास गुरुदेव से बात करने का मौका था पर पुना विक्रांत ने सवाल पूछा... श्रोता खाली हाथ रह गए।
विक्रांत : गुरुदेव, आज भी जनता वोट नही कर रही है । अपने बेसिक राइट का उपयोग नहीं कर रही है।
देखो जनता को वोट देना चाहिए और लोगो से दिलवाना चाहिए। जैसे लोग कहते है कि मैंने ये फिल्म देखी है तुमने भी देखी है क्या ? वैसे ही मैंने वोट किया है तुमने किया है क्या ? पूछा जाना चाहिए। एक व्यक्ति को पांच लोगो से वोट दिलवाना चाहिए।
यहां देखने की बात है वोट डालना अधिकार है पर जीविका का भी तो अधिकार है। अन्य बीस बाइस अधिकार भी तो है लोग बहुधा उस पर बात नही करते है।
श्री रविशंकर काफी बड़े हस्ती है पर विकसित भारत पर उनके पास आध्यात्मिकता है उनका यह एक रोडमैप था। कई साधारण सवाल पूछे गए जिसका उत्तर भी उन्होंने प्रभावशाली ढंग से नहीं दिया। उन्होंने किसी पार्टी को वोट देने को नहीं कहा। उन्होंने मोदी का नाम तक नहीं लिया पर इशारा उसी तरफ था। वे बस माहोल बनाने आए थे।
बाहर उनका दुकान भी लगा था। जिस पर उपरोक्त सामान उपलब्ध था।
मेवालाल ४/५/२०२४
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