सोहागी पहाड़ को देखकर (डायरी) मेवालाल
प्रकृति के कितने विविध रूप है। इस विविधता को देखकर मन खुश हो जाता है। ऊपर कंकड़ पत्थर चट्टान युक्त पहाड़ नीचे मिट्टी। प्रकृति ने उसी मिट्टी को बड़े बड़े पत्थर में बदल दिया और नीचे मिट्टी को मिट्टी रहने दिया। जमीन बंजर है । उस पर छोटे छोटे पौधे है। जो वैसाख के महीने में सूख गए हैं।फिर भी कुछ हरे हैं। प्रकृति इस विविधता को कैसे संजो के रखी है अपने अंदर। सब एक सा क्यों नहीं है। ये प्रकृति की अपनी विशेषता है। जो उसके अपने उत्तरजीविता में सहायक है। और अन्य प्रजातियों के विकास के लिए सुरक्षित स्थान भी उपलब्ध करवा रही है। इसलिए तो पारिस्थितिकी आज तक स्थिर है।
मेवालाल ९/६/२०२४
Comments
Post a Comment