हिन्दी विभाग, बीएचयू

 



24,25 oct, 2024, चाटुकारों को phd के गाइड पहले मिल गए, जो देर से आए उन्हें बचे खुचे प्रोफेसर मिले। जिनके शरण में वे जाना नहीं चाहते थे। विद्यार्थी इसलिए कतराते है कि उनके शरण में जाने से काम बहुत करना पड़ेगा।



विषय ज्ञान और वक्ता 

एक कवि जायसी के अवधी पर

बीच बीच में ठीक हो जाता है 























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