जय प्रकाश नवेंदु ‘महर्षि’ का साक्षात्कार :– मेवालाल

जय प्रकाश नवेंदु 'महर्षि' एक जाने माने दलित लेखक है जिनकी रचनाओं की संख्या सौ से ऊपर है। इन्होंने कविता संग्रह, उपन्यास, कहानी और नाटक लिखे हैं और कई पुस्तकों का संपादन भी किया है। कामना , एकांत वीणा, घनी धूप के दिन, कविताएं 1991, नई रामायण, पूरब में अंधेरा, आर्य, देव चरित्र, ब्राह्मण की बेटी और अपनी अपनी जाति प्रमुख है। इनकी एक कविता है - असहमति की पाठ 'उसका एक अंश देखिए - क्यों? कौन? कैसा? ये भले ही मामूली शब्द है। पर संभावनाओ के रास्ते इन्हीं से शुरू होकर समाधानों के विस्तृत मैदानों की ओर जाते हैं । (पृष्ठ 35, कविताएं 1991) प्रश्न (1 ) आपकी व्यक्तिगत विशेषताएँ क्या है? आपकी सोच, दृष्टिकोण और जीवन मूल्य पर क्या विचार है? एक आदर्श व्यक्ति में जीवन जीने के लिए जो सत्य,समानता, ईमानदारी, अहिंसा, सदभावना, प्रेम, क्षमाशी...