ज्ञान बहुत मंहगा है ~ मेवालाल

where knowledge is free where head held high without fear. ~ ravindranath taigore यह पुस्तक करीब 460 + पेज की है। हार्ड बाउंड है। राजकमल प्रकाशन से प्रकाशित है। कीमत है 1500। प्रकाशक ने पेपर बैक छपना बंद कर दिया है। इसमें लेखक ने ऐसी कोई स्वर्ण ज्ञान नहीं भरी है जिसको खरीद कर पाठक 3 हजार कमा सके। जरूरत मंद लोग जिनके पास ज्यादा पैसा नहीं है पर वे अगर इस पुस्तक को पढ़ना चाहते है तो खरीदने के पहले दो चार बार सोचेंगे पर इतना मंहगा खरीदेंगे नहीं। वैसे कीमत और पुस्तक के बीच कोई स्वस्थ संबंध नहीं दिखाई देता है। राजकमल प्रकाशन ने पुस्तक की कीमत तय करने में मनमानी दिखाई है। ज्ञान की महंगाई विकास की गति ही है ।